What is Stephen Hawkins theory on time travel: पहले के रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिकों का मानना था कि समय सर्पेक्ष सर्वभौमी है अर्थात समय सभी के लिए समान है। यानी की धरती पर अगर 10:00 बज रहे हैं तो यह मन की मंगल पर भी 10 ही बज रहे होंगे। लेकिन ऐसा नहीं है महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन के अपेक्षा बाद के सिद्धांत के अनुसार समय समय की अवधारणा जगह के अनुसार अलग-अलग है ऐसा क्यों उन्होंने इसे भी सरल शब्दों में समझाया।
अल्बर्ट आइंस्टीन का कहना है कि दो घटनाओं के बीच लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि उसे देखने वाला व्यक्ति किस गति से जा रहा है। इस घटना कौन होने उदाहरण देकर के समझाया।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता बाद सिद्धांत और टाइम ट्रेवल का उदाहरण
मान लीजिए कि दो जुड़वा भाई है ए और बी है जिसमें ए अंतिम तीव्र गति से अंतरिक्ष में जाता है और कुछ समय बाद पृथ्वी पर लौट कर आता है जबकि भी घर पर ही रहता है। हो सकता है की ए के लिए यह सफर 1 वर्ष का हो लेकिन जब वहां पृथ्वी पर आता है तब पृथ्वी पर तब तक 10 वर्ष बीत गए। अब उसका भाई भी उससे 9 साल बाद हो चुका है जबकि दोनों का जन्म एक ही दिन हुआ था। यानी यह 10 साल भविष्य में पहुंच चुका है।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता बाद के सिद्धांत के अनुसार आप जितना ही तेज गति से ब्राह्मण करोगे आपकी समय उतना ही धीमा चलेगा। ऐसे ही यह ने बहुत तेज गति से ट्रैवल किया इसलिए उसका समय धीरे-धीरे बीता लेकिन धरती पर ऐसा कुछ नहीं हुआ और समय अपने गति से चलता रहा। इसीलिए मैंने 1 साल में जितना समय महसूस किया भी ने उतना ही समय में 10 साल महसूस किया।
अब ए अंतरिक्ष में पहुंचकर वहीं से धरती पर चल रही घटनाओं को देख रहा है तो वह अतीत को देख रहा होता है आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह कैसे हो सकता है तो चलिए इस और आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं।
माल लेते हैं कि आप एक गन चलाते हैं और उसे गन से निकलने वाली गोली तेज गति से आगे जा रही है लेकिन अगर आपको उसे गोली को देखना है तो उससे भी तेज गति से जाकर क्रॉस करना होगा तभी आप गोली को देख पाएंगे। इसी तरह ब्रह्मांड में आवाज़ चित्र और कई सारी चीज और घटनाएं जो घटित हो चुकी है वह फैलती जा रही है जिन्हें देखने के लिए आपको उसकी ही तेज गति से जाना होगा और उसे पकड़ कर देखना या सुना होगा।
ऐसे ही एक ही गति तेज थी इसीलिए वह धरती पर हो रही सभी घटनाओं को देख पाएगा तो दोस्तों अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार यही एक तरीका हो सकता है जिससे हम समय को देख पाएंगे यानी कि समय में यात्रा कर पाएंगे। और अपने बीते हुए कल पर जा पाएंगे।
What is Stephen Hawkins theory on time travel
आई अब जानते हैं टाइम ट्रेवल के बारे में स्टीफन हॉकिंस के क्या विचार थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्टीफन हॉकिंस टाइम ट्रेवल की अवधारणाओं को पहले विरोध किया था और उन्होंने कहा था कि उनके पास इसका प्रमाण भी है। उनका कहना था कि अगर समय में यात्रा करना संभव है तो भविष्य से आए समय यात्री कहां है। भविष्य से आए समय यात्री नहीं है इसका अर्थ है कि समय में यात्रा संभव है।
जिसे प्रूफ करने के लिए उन्होंने कई प्रयोग भी किया जिनमें से एक प्रयोग था वेलकम पार्टी का। 28 जून 2009 में वेलकम रिसेप्शन पार्टी रखी भविष्य से भूतकाल में आने वाले समय यात्रियों के लिए। इस पर सबसे दिलचस्प बात यह थी कि जब तक वह पार्टी खत्म नहीं होती तब तक हुए इसके बारे में किसी को नहीं बताएंगे। इसके लिए उन्होंने पार्टी का इनविटेशन कार्ड भी बनवाया जिसमें पार्टी का डेट और समय निर्धारित था और यह माना कि इसमें से एक इनविटेशन कार्ड हजारों सालों तक रह जाएगा। और एक दिन भविष्य में रहने वाले इंसान को इसकी जानकारी मिल जाएगी।
इस पार्टी से उन्होंने यह विचार किया कि पार्टी खत्म होने तक कोई समय यात्री टाइम मशीन या वन हाल से इस पार्टी में आएगा और यह साबित हो जाएगा कि भविष्य में इस पृथ्वी पर भी समय यात्रा संभव हो जाएगा। जैसे-जैसे पार्टी खत्म होने का समय नजदीक आया उन्होंने यह माना कि अब बस कुछ ही समय में समय यात्री उनके पार्टी में आने वाले हैं। लेकिन पार्टी खत्म हुआ और वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे की समय यात्रा भविष्य में कभी संभव होगा ही नहीं।
लेकिन लेकिन कुछ बरसों में भौतिक में काफी नई खोज हुए हैं। जिससे प्रभावित होकर स्टीफन हॉकिंस ने अपना मत बदल दिया और कहा कि भविष्य में समय यात्रा संभव हो जाएगा। तब उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल देखे तो समय यात्री हमारे पास इसलिए नहीं जाते होंगे क्योंकि हम उनके लिए इतने महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि समय यात्रा कर सकते में सफल सभ्यता काफी विकसित होगी। और वह किसी तारे के संपूर्ण ऊर्जा का दोहन करने में सक्षम होगी और जो सभ्यता तारीख की ऊर्जा को नियंत्रित कर सकती है उनके लिए हम एक आदमी के समान हैं।
समय यात्रा क्यों संभव है इसके कुछ उदाहरण
आज भी लोग समय यात्रा की बात तो करते हैं लेकिन कैसे संभव होगा इस पर मजाक बन जाता है। लेकिन अगर हम पिछले वर्षों में हुए कुछ अविष्कारों पर नजर डालें तो टेलीविजन और टच स्क्रीन एक कल्पना ही थी। जो आज हकीकत है ऐसे ही आज से 500 साल पहले लोग कहते हैं कि आने वाले समय में हम हवा में उड़ेंगे तो लोग उसे पागल ही कहते हैं लेकिन आज हम चांद तक पहुंच चुके हैं इसलिए भले आज समय यात्रा संभव न हो लेकिन आने वाले समय में प्रैक्टिकल यह संभव हो पाएगा।
दोस्तों अगर आप समय यात्रा से जुड़ी कहानी सुनना पसंद करते हैं तो Time Travel Real Story पर आधारित इस लेख को पढ़ सकते हैं इसके अलावा टाइम ट्रेवल पर न्यूटन के विचारों को भी पढ़ सकते हैं। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी है तो आप हमें टेलीग्राम पर फॉलो भी कर सकते हैं।