Newton’s thought on Time Travel: समय यात्रा एक ऐसी घटना है जिसकी खोज आज भी वैज्ञानिकों द्वारा जारी है। आपने भी ढेर सारी टाइम ट्रेवल से संबंधित किताबें और फ़िल्में पड़ी या देखी होंगे। समय यात्रा आज भी संभव लगता है इसकी सिर्फ एक ही वजह है कि कहीं ऐसी घटनाएं घटी है जिसमें असल में लोगों ने टाइम ट्रेवल किया है। लेकिन उन लोगों ने टाइम ट्रेवल कैसे की यह जानकारी आज भी अधूरी है।
लेटेस्ट वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार समय में यात्रा करना संभव है लेकिन किस तरीके से इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। दरअसल जिन लोगों ने समय यात्रा की वह किसी न किसी यंत्र का उपयोग तो किया ही होंगे।
आपको बता दे कि अब तक के खोज के अनुसार अगर कोई व्यक्ति प्रकाश की चाल से चले तो वह समय यात्रा कर सकता है। लेकिन दुख की बात यह है कि अब तक ऐसा कोई यंत्र ही नहीं बनाया गया अभी तक तो प्रकाश के चला या उसके आसपास की चाल से चल सके ऐसा कोई यंत्र बनाना असंभव जैसा है लेकिन भविष्य में यह संभव हो पाएगा।
समय क्या है (What is the Time)
दोस्तों टाइम ट्रेवल का सीधा संबंध अपने भूतकाल या भविष्य में जाना है। लेकिन प्रश्न क्या है कि क्या कोई व्यक्ति टाइम ट्रेवल कर सकता है अगर कर सकता है तो कैसे। टाइम ट्रैवल जैसे घटना के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमें समय को समझना होगा क्योंकि टाइम ट्रेवल जैसी घटना है समय पर आधारित है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि समय का सीधा संबंध गति से है। अगर आप अपने आसपास देखे तो दुनिया की प्रत्येक वस्तु गति कर रही है। पृथ्वी कुछ और अगर हम ब्रह्मांड में भी जाए तो हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते हुए सूर्य का चक्कर लगाती है। इसी के कारण दिन और रात होता है तथा मौसम भी बदलते हैं। दुनिया में किसी भी कार्य को होने में एक निश्चित समय लगता है।
जैसे कि पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने या यूं कहे की पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने से ही समय का निर्माण होता है। पृथ्वी की परिधि चार लाख 700 किलोमीटर है। और पृथ्वी 1670 किलोमीटर प्रति घंटे की गति अपने अक्ष पर घूमती।
उदाहरण : मान लेते हैं कि कोई व्यक्ति एक छोर से 40000 किलोमीटर की दूरी तय करके अपने इस अक्ष पर पुणे आए तो पृथ्वी के नियम के अनुसार एक दिन होगा। इसी तरह हमारे पृथ्वी 94 लाख किलोमीटर दूरी तय करके सूर्य का एक चक्कर पूरा करती है और हमारा 1 साल पूरा होता है। लेकिन पृथ्वी के गति में कम या अधिक होने पर समय पर कोई प्रभाव पड़ेगा। उत्तर है हां।
अगर हम करोड़ों वर्ष पीछे जाए तो डायनासोर के जमाने में पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का नहीं बल्कि 21 घंटे से अधिक और 23 घंटे से कम हुआ करती थी ऐसा पृथ्वी के घूमने के गति के कारण होता था। इससे यह प्रमाणित होता है कि समय पूर्णतः गति पर निश्चित है।
हम प्रतिदिन समय यात्रा करते हैं
अगर हम अपने बीते हुए दिन को देखें और वर्तमान में करने से पहले क्या कर सकते हैं यह कल्पना करना और ठीक वैसा ही हो जाए तो इस घटना को समय यात्रा में ही मर जाएगा। क्योंकि हमने पहले ही अपने भविष्य को देख लिया था।
उदाहरण: आप जब भी किसी भी चीज से ट्रैवल कर रहे होते हैं उसे समय भी आप कुछ समय के लिए समय यात्रा कर रहे होते हैं। दरअसल किसी गतिशील माध्यम में स्थिर माध्यम की तुलना में समय धीमा चलता है। चने की अगर आप किसी रेलगाड़ी में ट्रेवल कर रहे हैं तो बाहर मौजूद लोगों की तुलना में आपका समय धीमा चल रहा है। यानी कि जब आप रेलगाड़ी से बाहर उतरेंगे तब आप भविष्य की दुनिया में कदम रखेंगे।
यह सुनकर काफी आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन यही सच है। लेकिन समय क्या है अंतराल इतना छोटा है कि इससे आप नोटिस नहीं कर सकते यह एक सेकंड के अरबी खराब है हसन के बराबर है जिसे सिर्फ एटॉमिक को के माध्यम से ही मापा जा सकता है।
Newton’s thought on Time Travel
महान भौतिक वैज्ञानिक न्यूटन का मानना था कि समय एक तीर के समान है। जिसे एक एक बार छोड़ दिया जाए तो वह सिर्फ एक ही दिशा में चलेगा। न्यूटन के इस नियम के अनुसार पृथ्वी और मंगल पर समय एक सवाल है यानी कि एक सेकंड कभी अंतर नहीं है। और ब्रह्मांड में समय एक ही चाल से चल रहा है।
दोस्तों अगर आप टाइम ट्रेवल जैसी घटना हो के बारे में पढ़ने काफी पसंद करते हैं तो आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं जिसमें हमने बताया है कि टाइम ट्रेवल शब्द का शुरुआत कैसे हुआ और टाइम ट्रेवल घटनाएं कैसे संभव है। इसके साथ ही आप स्पेस टाइम और टाइम ट्रेवल के बीच के संबंध को समझ सकते हैं।