Five Planets that are visible from the Earth: पांच ग्रह जो पृथ्वी से दिखाई देते हैं

Five Planets that are visible from the Earth: जब भी बच्चे आसमान में देखते हैं तो वह तारे और ग्रहों के बारे में जानने का उत्सक होने लगते हैं। लेकिन वह निराश हो जाते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि बिना टेलिस्कोप के इन तारों और ग्रहों को नहीं देखा जा सकता है। लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम पांच ऐसे ग्रहों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें पृथ्वी से खुली आंखों से देखा जा सकता है।

ब्रह्मांड के बारे में लोग जितना जानते हैं उतना कम है। ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि इसके बारे में जानने की इच्छा कभी खत्म ही नहीं होती है। जब बच्चे पहली बार ब्रह्मांड ग्रहण और तारों के बारे में सुनते हैं तो उनकी इच्छा का विस्तार काफी तेजी से होता है और वह बहुत कुछ जानना चाहते हैं। जैसे कि ब्रह्मांड का आविष्कार कैसे हुआ यह कितना बड़ा है और वह ऐसा क्या होता है।

अगर हम ब्रह्मांड को जानने बैठेंगे तो यह विषय काफी लंबा हो जाएगा फिलहाल हम इस आर्टिकल में Five Planets that are visible from the Earth के बारे में बात करने जा रहे हैं। उन प्लैनेट्स के महत्वपूर्ण जानकारी को भी देखेंगे।

Five Planets that are visible from the Earth

ऐसा माना जाता है कि हमारे सौरमंडल का निर्माण आज से सड़क 13 मिलियन वर्ष पहले हुआ था जिसे बिग बैंग थ्योरी के नाम से जाना जाता है। इस विस्फोट के लगभग 10:30 मिलियन वर्ष यानी कि आज से 4:30 मिलियन वर्ष पहले हमारे सौरमंडल मिल्की वे का निर्माण हुआ जिसके अंतर्गत कई ग्रह और उपग्रह का भी निर्माण हुआ। आज ब्रह्मांड के एक सौरमंडल जिसमें हमारी पृथ्वी है उसमें आठ ग्रह और हजारों उपग्रह मौजूद है।

जो पृथ्वी पर रात होती है और आप आसमान में देखते हैं तब तारों के बीच में आपको चार ग्रह भी दिखाई देते हैं। लेकिन बिना उसकी जानकारी कि आप उसे नहीं पहचान सकते हैं। लेकिन लिए हम आपको उन पांचो ग्रहण के बारे में बताते हैं।

बुद्ध (Mercury)

सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है इस ग्रह के पास अपना कोई उपग्रह नहीं है इस ग्रह की सबसे विशेष बात यह है कि इसके अंदर अधिक मात्रा में मैग्नेटिक फील्ड है इसीलिए यह सूर्य का चक्कर बहुत ही कम समय में लगता है। यह सूर्य के सबसे नजदीक और सबसे तेज कक्षीय ग्रह है इसका तापमान 180 डिग्री सेल्सियस आपको जानकर हैरानी होगी कि इस ग्रह का वजन इतना काम है कि इस पानी में डाल दिया जाए तो यह ऊपर तैरने लगेगा। यही कारण है कि यह सूर्य के इतने नजदीक होने के बावजूद भी शुक्र से काफी ठंडा है।

बुध ग्रह पृथ्वी पर से सूर्य के निकलने से 2 घंटे पहले दिखाई देता है। जिसे आप खुली आंखों से देख सकते हो। इस ग्रह पर दिन बहुत गर्मी वाला तथा राते काफी ठंडी होती है। इस ग्रह का तापांतर सभी ग्रहों से अधिक है।

शुक्र (Venus)

हमारे सौरमंडल में चंद्रमा के बाद सबसे अधिक चमकने वाला ग्रह शुक्र है। यह सूर्य से दूसरे नंबर पर आता है इसका नाम सौंदर्य की देवी रोमन देवी के नाम पर रखा गया है। यह दूसरा ऐसा ग्रह है जो पृथ्वी की तरह स्थलीय है इसके समान आकार और द्रव्यमान होने के कारण इस पृथ्वी के बहन के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि शुक्र के पास अपना कोई उपग्रह नहीं है।शुक्र ग्रह के केंद्र का निर्माण लोहे की कोर, रॉकी एवं सिलिकॉन धातु से बनी हुई है। इस ग्रह का तापमान ऑन ग्रहों की तुलना में काफी अधिक है 471 डिग्री सेल्सियस गर्म वाला इस ग्रह पर अन्य ग्रह ऑन के मुकाबले सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी है।

शुक्र को मॉर्निंग तथा इवनिंग स्टार के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि आप इसे पृथ्वी से खुली आंखों से सुबह में और शाम में देख सकते हैं। वीनस पर वायुमंडलीय दाब पृथ्वी से 92 गुना अधिक है। सोवियत संघ ने 1961 में विनाश पर पहला मिशन भेजा था जो रास्ते में ही कहीं गायब हो गया उसके बाद रूस द्वारा है दूसरा वेनेटर 3 मिशन भेजा गया था जो सफलतापूर्वक वीनस पर लैंड हुआ था।

बृहस्पति (Jupiter)

जुपिटर सूर्य से पांचवें नंबर पर स्टेटस सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसकी व्यास 142464 किलोमीटर है। सनी, सैटर्न और नेपच्यून की तरह ही इसे भी गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जुपिटर का निर्माण मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम से हुआ है इसके 64 चंद्रमा है जिनमें से चार बड़े चंद्रमा को गैलीलियो चंद्रमा कहा जाता है क्योंकि इसकी खोज महान साइंटिस्ट गैलीलियो ने 1664 में किया था। जुपिटर के सबसे बड़े चंद्रमा को ज्ञानी मीत कहा जाता है और इसकी व्यास लगभग बुद्ध से अधिक है।

जुपिटर की एक साइड में एक लाल चिन्ह दिखाई देता है जो को बहुत बड़ा तूफान है यह 1665 में खोजा गया था जिसे अब तक का सबसे लंबा तूफान माना जाता है। आपको बता दे की जुपिटर में भी शनि की तरह रिंग्स दिखाई देती है जो धूल से बनी है जिसे की रिंग कहा जाता है। पृथ्वी की तरह ही जुपिटर अपने अक्ष पर 10 घंटे में तथा सूर्य का एक चक्कर 11.9 वर्षों में पूरा करता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार अब तक जुपिटर पर 8 एयरक्राफ्ट भेजे जा चुके हैं।

मंगल (Mars)

हमारे सौरमंडल का एक ऐसा ग्रह जिस पृथ्वी के बाद हमारा दूसरा घर माना जाता रहा है। क्योंकि अब तक के शोध के अनुसार मंगल यह कैसा ग्रह है जिस पर जीवन होने की संभावना बताई जाती है। मंगल ग्रह को लाल ग्रह के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसका सात लाल है जो कि लोग ऑक्साइड के कारण है। मंगल ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी से कम है। इस ग्रह का तापमान 70 डिग्री से -140 डिग्री के आसपास रहता है।

मंगल ग्रह पर पृथ्वी से भी ऊंचा एक पर्वत है ओलंपस मंस जिसकी ऊंचाई 27 किलोमीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। जो माउंट एवरेस्ट से 8.87 किलोमीटर अधिक है। पहली बार आधिकारिक तौर पर मंगल ग्रह पर एक उपग्रह भेजा गया था रीना 9 मंगल ग्रह पर एलियन के होने का भी दावा किया जाता रहा है।

शनि (Saturn)

हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि है। शनि ग्रह की खोज सबसे पहले 1610 में महान वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिली द्वारा किया गया था। सनी को अनुग्रह से सबसे खास बनाता है उसमें मौजूद सात रंग हालांकि अनुग्रह में भी रिंग मौजूद है लेकिन शनि ग्रह के रिंग अन ग्रहों से की तुलना में काफी अलग है। शनि भी बृहस्पति की तरह ही गैस का गोल है जिसका निर्माण मुख्य रूप से हाइड्रोजन हीलियम और मीथेन से ही हुआ है।

शनि ग्रह को पृथ्वी से पीले ग्रह के रूप में देखा जा सकता है शनि ग्रह में भी कोई उपग्रह है जिनमें से सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है जो दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है। शनि के उपग्रह टाइटन की खोज दिन मार्केट वैज्ञानिक 1665 में किया था। यह सौरमंडल का दूसरा ऐसा ग्रह है जिसके पृथ्वी की तरह संघन वायुमंडल है। यह सूर्य की तरह ही पृथ्वी के विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है।

क्या हमने आपको पांच ऐसे ग्रह बताया है जिन्हें आप पृथ्वी से खुली आंखों से देख सकते हैं। अगर आप ऐसे ही ब्रह्मांड और उनसे रोचक तथ्यों को जानना पसंद करते हैं तो आप टाइम ट्रेवल के बारे में पढ़ सकते हैं। टाइम ट्रैवल पॉसिबल है या नहीं महान साइंटिस्ट न्यूटन का टाइम ट्रेवल के बारे में क्या कहना है। ऐसे ही रोमांचक कहानियां पढ़ने के लिए आप हमें टेलीग्राम चैनल से ज्वाइन कर सकते हैं।

Leave a Comment